


बालोद में शासकीय कार्य का निरीक्षण करने पहुंची वन विभाग की टीम पर ग्रामीणों ने अचानक हमला कर दिया। लाठी-डंडों से लैस भीड़ ने कर्मचारियों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा, जिसमें डिप्टी रेंजर सहित पांच कर्मचारी घायल हो गए। यह घटना डौंडी क्षेत्र के पेवारी बीट के कक्ष क्रमांक 156 में हुई।
जैसे ही छह सदस्यीय टीम वाहन से उतरी, करीब 50 से 60 ग्रामीणों ने उन पर हमला कर दिया। इस हमले में डिप्टी रेंजर शिवकुमार चंद्राकर, वन रक्षक गोपी साहू, हीरामन रावटे, देवचंद्र हिडको और वाहन चालक यश कुमार को गंभीर चोटें आईं।
सभी घायलों को अस्पताल रेफर किया गया
घायलों को प्राथमिक इलाज के लिए डौंडी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां से उन्हें जिला अस्पताल रेफर किया गया। डिप्टी रेंजर चंद्राकर के पैर में गहरी चोट आई है, जबकि वन रक्षक गोपी साहू की पीठ और सीने पर डंडों के गहरे निशान पाए गए। सभी कर्मचारी किसी तरह जान बचाकर मौके से भागे।
ग्रामीणों के पास नहीं है जमीन का पट्टा
ग्रामीणों का कहना है कि जिस जमीन पर वाटरशेड प्रबंधन का काम हो रहा था, वह उनकी कब्जे की है। वहीं वन विभाग के अनुसार वह 50 एकड़ जमीन विभागीय स्वामित्व की है और ग्रामीणों के पास इसका कोई वैध दस्तावेज या पट्टा नहीं है। हमले में मौके पर मौजूद मरकाटोला गांव के दो पुरुष और पांच महिला मजदूर भी घायल हुए हैं। हमलावरों ने उन्हें काम बंद करने की धमकी दी।
मजदूरों ने थाने में की शिकायत, कई लोगों पर FIR
घटना के बाद घायल मजदूर डौंडी थाना पहुंचे और शिकायत दर्ज कराई। रेंजर जीवन लाल भोंडेकर ने बताया कि वन विभाग की ओर से की गई शिकायत पर सोमनाथ, बेदूराम, अर्जुन, तुलसीराम, तुलाराम और भोलाराम के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। अन्य आरोपियों की पहचान की जा रही है।